त्रिशंकु की शंका और समकालीन भारत, 1950-2023

Deepak Kumar

9789350028780

Aakar Books 2024

Language: Hindi

300 Pages

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Price INR 795.0 Not Available

Book Club Price INR 596.25 USD

About the Book

‘त्रिशंकु की शंका’ विरोधाभासों से भरे समाज और राष्ट्र का एक उत्तेजक विवरण प्रस्तुत करती है जिसमें दैनंदिन प्राप्त होनेवाले सामाजिक और राजनीतिक अनुभवों को अकादमिक अंतर्दृष्टि के साथ सहज रूप में रखा गया है। इसमें त्रिशंकु नामक एक धर्मपरायण राजा की पौराणिक कथा का प्रयोग एक रूपक के रूप में किया गया है जो संभवत: अभी भी स्वर्ग और पृथ्वी के बीच में लटका हुआ है। वह हमारे जीवन में व्यक्तिगत रूप से और नागरिक के रूप में हम सभी के सामने आने वाली दुविधाओं की विभिन्न बारीकियों को प्रतिबिंबित करता है।ऐतिहासिक आंकड़ों और समाजशास्त्रियों द्वारा ‘ सहभागी अवलोकन’ कहलाने वाले तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत यह लेख स्वतंत्र भारत की कठिनाइयों और संघर्षों पर प्रकाश डालता है। यह एक मुफस्सिल कस्बाई जीवन के चित्रण से शुरू होता है और जाति, धर्म, भ्रष्टाचार, शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति तथा अन्य बहुत से मुद्दों की बारीकी से जांच करता है।असाधारण ओजस्विता और वाक्पटुता के साथ प्रस्तुत तथा ऐतिहासिक और व्यक्तिगत अनुभवों के अवलोकन पर आधारित इस पुस्तक की ‘गूंज’ समकालीन भारतीय जीवन की परतों को उजागर करने में मदद करती है।

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